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विभिन्न वर्गों का श्रेणी-विभाजन तो सभी देशों में है……

दिल की बात
दिल की बात
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प्राचीन मिस्र में पुरोहित, सैनिक, लेखक, चरवाहे, सुअर पालनेवाले और व्यापारियों के पृथक्‌ पृथक्‌ वर्ग थे जिनके पेशे और पद वंशानुगत थे। कोई कारीगर अपना पैतृक धंधा छोड़कर दूसरा धंधा नहीं कर सकता था। सुअर पालने वाले अछूत माने जाते थे और उन्हें मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी।

जापान में सैनिक सामंतवाद (12वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी के मध्य तक) के शासनकाल में अभिजात सैनिक समुराई वर्ग के अतिरिक्त कृषक, कारीगर, व्यापारी और दलित वर्ग थे। दलित वर्ग में एता और हिनिन दो समूह थे जो समाज के पतित अंग माने जाते थे और गंदे तथा हीन समझे जानेवाले कार्य उनके सपुर्द थे।

अफ्रीका में लोहारों का समूह प्राय: शेष समाज से पृथक्‌ रखा जाता है|

प्राचीन मिस्र, मध्यकालीन रोम और सामंती जापान में राज्य की ओर से अंतर्विवाहों पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे और पेशों को वंशानुगत कर दिया गया था।

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