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लोकपाल का राजनैतिक खेल …
दोस्तो जिस पार्टी को देखो वो ही लोकपाल की आड़ में राजनीति खेल रहे हैं ….. और जनता को धोखा दे रहे हैं ….. एक टीम अन्ना है जिसके साथ जनता खड़ी है (सिर्फ़ दिखाने के लिए) … सही माने तो जनता अन्ना के इनके विपक्ष में खड़ी है …… हरयाणा में हिसार चुनाव में लोग कहते हैं अन्ना की मुहिम काम कर गयी … किंतु सब जानते हैं कि वो भजन लाल का गढ़ है …| रतिया चौटाला का गढ़ था| यदि अन्ना की मुहिम काम करती तो कांग्रेस रतिया का चुनाव हार जाती, किंतु वहाँ पर कांग्रेस जीत गयी …. | कहाँ पर अन्ना की मुहिम काम कर गयी …. और जनता कहाँ से अन्ना के साथ है ….
आज ज़रूरत है, लोगो में राष्ट्र प्रेम की सच्ची आग लगा सके …| सिर्फ़ भीड़ में भारत माता की जै के नारे ना लगाए ….| लोगो की सोच को बदले और पहले राष्ट्र … फिर परिवार …. बाद में मैं के सीधांत पर काम करना सीखे …..
ऐसे एक शासक आज भारत को चाहिए जिसके लिए धर्म, भाई बंधु, प्रांत, पार्टी आदि आदि बाद में और राष्ट्र पहले हो …. जो राष्ट्र पर हमला करने वालो को जमाई के भाँति खिला खिला कर मोटा ना करे तुरंत उनकी गर्दन अलग कर दे ….
आज राष्ट्र को ख़तरा है ….. !
आज राष्ट्र को ख़तरा है किंतु वो ख़तरा कसाब से नही है …….. वो असली ख़तरा हमारे राजनैतिक लोगो से है जो भाँति भाँति के खेल खेल कर जनता को गुमराह कर रहे है …. आज रोटी कामना इतना मुस्किल हो गया है की जनता स्वार्थ के साए में अपनी रोटी का जुगाड़ करने पर लगी हुई है …. (यदि स्वार्थ नही होता तो कांग्रेस रतिया का चुनाव हार जाती) 5 राज्यों की स्थिति भी जल्दी ही पता चल जायगा …. कि अन्ना की मुहिम कितनी सफल रही …. ये राजनैतक दल एक शिगूफ़ा छोड़ेंगे और अन्ना की मुहिम धरी की धरी रह जाएगी …. जैसा अब तक लोकपाल बिल के साथ होता आया है ……
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