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अँग्रेज़ी नव वर्ष :- “मानसिक गुलामी का प्रतिक ……..”

दिल की बात
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इस वर्ष अंग्रेजी नववर्ष का प्रारम्भ रविवार से होने जा रहा है, मतलब शनिवार को गुलामी भारी मानसिकता के साथ अपने को सभ्य दिखाते हुए मोजमस्ती करो और रविवार को पूरा आराम …| होटल, रेस्तरा आदि आदि पूरी तैयारी करे बैठे हैं, जिस्म के सौदागर आपकी जेब पर छुरी चलाने को और आप अपनी गाढ़ी कमाई (बहुत से लोग) सामने करे हुए हैं …. (दिखावे के कारण या मजबूरी में)

विभिन्न स्थानों और समूहों द्वारा इस “महान”(?) अवसर को मनाने हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं। वैसे तो पिछले कुछ वर्ष से 31 दिसम्बर की रात को “दारुबाजी और नाग्गाई” बढ़ती ही जा रही है, परन्तु इस वर्ष सप्ताहांत होने की वजह से यह तमाम कृत्य “उफ़ान” पर होंगे…

आज मानवता पर बाज़ारवाद पूरी तरह से हावी है …. कुछ वर्षो पहले इतना दिखावा नही था … आज फादर डे … मदर डे … वेलेंटाइन डे … ना जाने कितने बाज़ारवादी डे आ गए हैं …

आज बाज़ारवाद इतना सिर चॅड चुका है कि पेट में रोटी हो या ना हो चेहरे पर कॉस्मेटिक चिकनाई (ब्यूटी पार्लर पर खर्च करके) और तन पर भड़कीले कपड़े ज़रूर-ज़रूर होनी चाहिए …. और उपर से टूटी फूटी अँग्रेज़ी बोल सको तो सोने पे सुहागा … (भले ही बाद में फजीहत हो) …. पहले क्यूंकी प्रचार कम होता था … ज़्यादातर चोच्लेबाजि कुछ अमीर लोगो तक ही सीमित थी ..|

आप इस अंग्रेजी नववर्ष का स्वागत किस तरह करेंगे? क्या आने वाले वर्ष में आप कोई “संकल्प” लेने वाले हैं?

वर्षान्त मनाने की आपकी क्या योजना एवं संकल्प है………………………..!!!!!!!!!!!!!

चलते चलते …..

सम्पूर्ण भारत में भ्रमण करने के उपरांत स्वामी विवेकानंद जब कन्याकुमारी पहुचे तो उन्होंने वहा पर 25, 26 एवं 27 दिसम्बर 1892 को ध्यान किया जिसमे उन्होंने भारत जागो और विश्व जगाओ की संकल्पना को साकार किया |

एक जनवरी को स्वामी राम कृष्ण परमहंस ने अपने सभी शिष्यों को एक कल्पवृक्ष के समान वरदान दिया और उनकी अक्षय कामनाये पूर्ण की इसलिए एक जनवरी को कल्पतरु दिवस मनाया जाता है|

यदि आपको कोई नववर्ष की बधाई देता है तो बदले में उसको “समर्थ भारत पर्व” की हार्दिक शुभकामनाये दें ……..

आज के युवा कितने हैं जो अपने हिंदी नव वर्ष को मानते हैं या वो कब शुरू होता है ये जानते हैं ……… ?

उन भाइयों का शुक्रिया जिन्होने ये लिखने में सहयोग दिया और प्रोत्साहित किया ….

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