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बलात्कार के कुछ कारण…..

दिल की बात
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पिछले 25 दिन में 10 महिला दरिंदों की हवस का शिकार बनीं हैं | कांग्रेस शासित राज्य हरियाणा के लोग जब अपने को खेल जगत में नंबर 1 कहते थे, अब भी क्या ये बलात्कार में नंबर 1 कहने की हिम्मत करेंगे या अपने को शर्मशार महसूस करेंगे| इस तरह की घटनाओं से साफ है की प्रदेश का युवा वर्ग अपराध की और बढ़ रहा है और इसको कानून का कोई खौफ दिखाई नहीं देता| कांग्रेस सरकार में रहते एक मंत्री कई वर्षो तक एक मासूम का जानवरो की भांती इस्तेमाल करता है, इस्तेमाल की हद होने पर उस मासूम को खुदकुशी करनी पड़ती है| कई वर्ष पहले हरयाणा पुलिस का एक बड़ा अधिकारी एक मासूम को इतना सताता है की उसको खुदकुशी करनी पड़ती है| कांग्रेस सरकार में उप-मुख्यमंत्री सिर्फ अपने मजे के लिये अपना धर्म तक बदल लेता है और दिल भरने के बाद उस महिला को छोड़ भी देता है, बाद में उस महिला को मौत गले लगानी पड़ती है| इससे तो ये ही लगता है कि शनि देव का ढईया और शनि की साढ़े सती की भांती हरियाणा में महिलाओं पर सत्ता धारियॉ और बदमाशों का कहर रेप और गैंग रेप बन कर टूट पड़ा है|

हरियाणा में पिछले 25 दिन में बलात्कार के 10 मामले सामने आए हैं, जिनमें से आधे सामूहिक बलात्कार के मामले हैं| लेकिन राज्य की पुलिस का कहना है कि बलात्कार के मामले पिछले साल के मुकाबले कम हुए हैं। कांग्रेस शासित राज्यो की संरक्षिका सहानुभूति (?) जतलाने के लिये हरयाणा का दौरा भी करती है और बलात्कार पूरे भारत में बढ रहे हैं कह कर नंबर 1 हरयाणा की कांग्रेस सरकार का बचाव करती हैं| ये कहते हुए नही सोचा की चलो सारे भारत में मतलब केन्द्र में भी तो कांग्रेस की सरकार है| तो अपनी जनता की रक्षा करने की नैतिक जिम्मेदारी किसकी है मन के मोहन की या सोने हिया की क्यूंकि सरकार तो उनके ही इशारो पर चल रही है, सरकार ही क्यू सारी की सारी राजनीतिक पार्टिया ही आज उनके इशारे पर चल रही हैं….. सब इन बलात्कारो के चुहले पर अपनी अपनी राजनीतिक रोटिया सेक रहे हैं किन्तु कारण की जड तक कोई नही जाना चाह रहा| अपनी छोटी सी बुद्दि से मुझे कुछ कारण दिखलाई पड़ते हैं|

पहला कारण है, फिल्मो में बढ़ती नग्नता….. मेहश भट्ट औरतो के जिस्म को पर्दे पर दिखाने के बड़े खिलाडी हैं, और इस हद तक है कि सन्नी लिओन को भारत में युवा के दिलो दिमाग पर छाप दिया, आज बच्चा भी कहता हैं मैं पॉर्न स्टार बनूगा (इस पर एक मित्र ने ब्लॉग भी लिखा था)| फिल्मे युवाओं का प्रोत्साह्‌न बढाती हैं, भारत की आज़ादी में फिल्मो ने अपना अहम रोल अदा किया था और कारगिल की लड़ाई के समय फ़ौज में भरती के लिये उमड़ी भीड़ के लिये भी फिल्म “बॉर्डर” प्रेरणा बनी थी| आज जब ये फ़िल्मकार नग्नता को परोसते है तो युवा चाहेगा ही यदि सन्नी नही मिलती तो राह चलते कोई भी फंस जाये| इंटरनॅट पर अश्लील सामग्री भी बड़ा कारण है और समूहो के साथ, जानवरो से साथ ना जाने क्या क्या| जैसा युवा देखते हैं वैसा ही आचरण वो करते हैं इसी लिये सामूहिक बलात्कार भी बढ रहे हैं, और वो दिन नही जब जानवरो का भी बलात्कार सुर्खियो में ��� ज�����ये|

दूसरा कारण है हमारे सभी के घरो में बैठ बुद्दू बक्सा (टेलेविजन) जिस पर डियोड्रॅंट के बेहद ही सेक्सी विज्ञापन आते हैं एक स्प्रे और एक लड़के के पीछे कई लड़कियां पागल हो उससे लिपटती जाती हैं| ये दो कारण तो है जो कामुकता को बढ़ाते हैं| जिससे पुरुष प्रधान समाज में पुरुष औरत को अपना खिलोना समझ ���������ैठा है| फिर मोबाइल भी एक कारण है, जो संपर्क का साधन होने के साथ साथ मनौरंजन का भी साधन है, किसी भी युवा ही क्यू जिम्मेदार व्यक्ति और यहाँ तक महिला के फोन में भी नीली पिक्चर आसानी से मिल जायगी|

तीसरा कारण है, बे हिसाब पैसा….. हरयाणा में 5-7 वर्ष पहले जिसके पास साइकल नही थी वो आज स्विफ्ट में घूमता है कूल्हे पर पिस्टल टांगे, अब चाहे उन्होने अपने बाप दादा की जमीने बेच बेच कर ये आयाशी के साधन जुटाये हो| जहां फालतू का पैसा और एक दम ताज़ा ताज़ा आये तो दिमाग तो घूमेगा ही, सो इन चन्द दिनो के राइसो को कानून का कोई डर नही रहता, सीधा सीधा अपने मुख्यमंत्री समझ बैठते हैं| अपने बराबर वाले की का तो बलात्कार कर नही सकते क्यूंकि सामने वाले के भी ढुंगे पर पिस्टल टंगी होगी सो उससे तो डर लगता है इसी लिये ये गरीब, दलित और पिछड़ो की लड़कियॉ को निशाना बनाते हैं, क्यूंकि उनके पास ना तो राजनीतिक पहुच होती है और ना ही पैसे की पावर| यदि को राजनीतिक इनके पक्ष में आता भी है तो सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिये|

चौथा कारण है प्रदेश में लिंगानुपात का भारी अंतर…. पुरुषो को अपनी इच्छा पूर्ति के लिये (शादी) लड़कियां नही मिलती| हमारे पूर्वजो ने कुछ सोच समझ कर ही शादी का पवित्र बन्धन बनाया था, कि एक को एक साथी मिल जाये, जिसके साथ वो अपनी शारीरिक भूख तो मिटा ही सके और एक जिम्मेदार सामाजिक नागरिक भी बन सके| अब लिंगानुपात के भारी अंतर के कारण सही समय पर शादी नही हो पाति तो अपनी जिस्मानी भूख मिटाने के लिये पुरुष (?) के पास बलात्कार ही एक मध्यम बचता है|

पांचवा कारण खुद औरत है (कुछ मॉडल) क्यूंकि अपने को लाइम लाइट में रखने के चक्कर में इतनी अंधी हो चुकी हैं कि अपने जिस्म की नुमायस खुले आम करती हैं, फला टीम जीतेगी तो में नंगी होउंगी मेरी समझ में नही आता की औरत या पुरुष कपडो में अच्छा लगता है या नंगा| ठीक है जब हम पैदा हुए थे तो नंगे हुए थे किन्तु यदि हम एक सामाजिक प्राणी हैं तो फिर हमे समाज के दायरे में और उसकी मर्यादा में ही रहना होता है| औरत आज नंगी हो रही है तो सिर्फ सिर्फ और सिर्फ पैसे के लिये, तो फिर बलात्कार के लिये पुरुष कैसे और क्यू जिम्मेदार (?)|

वैसे पैसे की भूख या पैसा आदमी का समाज में नैतिक पतन करता है तो लानत है ऐसे पैसे को| पैसे वाला या जिसके पास पैसा नहीं भी है उसको तो पुराणी बीवी में मजा नहीं आता, ये सोच कहे या मजाक है हमारे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के| तो जब शासक ही इतने उज्जवल विचार रखते हो तो जनता को तो खुली छुट होती है सामूहिक बलात्कार करने की|

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